दिल्ली : ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 2024 शुरू
इस कार्यक्रम में 1000 से अधिक जीपीएआई प्रतिनिधि, एआई से जुड़े विशेषज्ञ और पेशेवर उपस्थित हुए
शिखर सम्मेलन में दो दिनों में 12 सत्र होंगे और 100 से अधिक वैश्विक एआई विशेषज्ञ भाग लेंगे
डीप-टेक स्टार्टअप्स ने शिखर सम्मेलन में एआई समाधानों का प्रदर्शन किया
दो दिवसीय ग्लोबल इंडिया एआई शिखर सम्मेलन 2024 आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री, भारत सरकार, श्री अश्विनी वैष्णव, जापान के आंतरिक मामले और संचार मंत्रालय के उप मंत्री श्री हिरोशी योशिदा, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी राज्य मंत्री, और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, भारत सरकार, श्री जितिन प्रसाद, सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), श्री एस कृष्णन, अध्यक्ष, एनएएसएससीओएम, सुश्री देबजानी घोष, उपाध्यक्ष, ओपन एआई, श्री श्रीनिवास नारायणन और अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी मंत्रालय, श्री अभिषेक सिंह शामिल हुए।
इस आयोजन में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) के विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों, उद्योग और स्टार्टअप दिग्गजों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपयोगकर्ताओं, शिक्षाविदों, छात्रों और केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों की भागीदारी देखी गई।
श्री अश्विनी वैष्णव ने सभा को संबोधित करते हुए, प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लोकतांत्रिक बनाने और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के भारत सरकार के इरादे और दृष्टिकोण पर बल दिया, जिससे कोई भी पीछे न छूटे। उन्होंने कहा कि सरकार एआई केंद्रित आम उपयोग वाले सार्वजनिक मंचों में निवेश करना चाहती है, जिसका उपयोग सभी लोग प्रतिस्पर्धी और सहयोगात्मक तरीके से उत्पादों और सेवाओं को नवीनीकृत करने, विकसित करने एवं वितरित करने के लिए कर सकते हैं।
उन्होंने जापान, यूरोपीय संघ, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा एआई क्षेत्र में विकास पर भी चर्चा की। उन्होंने एआई द्वारा उत्पन्न जोखिमों के बारे में भी आगाह किया, जो लोकतांत्रिक समुदायों के लिए खतरा हो सकता है। श्री वैष्णव ने जिम्मेदार और मानव केंद्रित एआई का आह्वान किया।
श्री हिरोशी योशिदा ने भारत सरकार की प्रशंसा की और कहा कि ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) की मेजबानी जिम्मेदार एआई के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने ग्लोबल साउथ में जीपीएआई के अध्यक्ष के रूप में भारत का समर्थन किया। उन्होंने बताया कि जापान ने ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) के टोक्यो केंद्र की स्थापना की है। श्री हिरोशी योशिदा ने कहा कि होरिश्मा एआई प्रोसेस फ्रेंड्स ग्रुप 53 देशों तक बढ़ गया है और भारत इसमें शामिल होने वाले पहले देशों में से एक था।
श्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत वैश्विक एआई नवाचार में सबसे आगे खड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता एक समावेशी और मजबूत एआई इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है। यह वैश्विक स्तर पर भारत द्वारा हासिल की गई उच्चतम एआई कौशल पहुंच और देश में एआई स्टार्टअप के पोषण में किए गए पर्याप्त निवेश से स्पष्ट है। उन्होंने इंडिया एआई मिशन के दृष्टिकोण पर बल दिया, जिसका उद्देश्य भारत में एआई बनाना और एआई को भारत के लिए काम करना है। उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समस्याओं और चुनौतियों के समाधान के लिए एआई के समाधान विकसित करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिकृति के लिए अन्य देशों द्वारा भारत की डीपीआई की मांग की जाती है। भारत के एआई समाधानों का भविष्य भी समान होने की परिकल्पना की गई है।
श्री एस कृष्णन ने कहा कि अधिक जनसंख्या के स्तर पर एआई को अपनाने के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण आवश्यक है। उन्होंने बड़े पैमाने पर समुदाय के लिए एआई के लाभों और सभी परिदृश्यों में उपयोगकर्ता के नुकसान को रोकने पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की प्राप्ति के लिए एआई आधारशिलाओं में से एक होगी।