उन्नाव: अपर जिला अध्यक्ष ने किया कारागार का निरीक्षण

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उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2023-2024 के क्रियान्वन के क्रम में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव की माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव, महोदया के दिशा निर्देश में जिला कारागार, उन्नाव का निरीक्षण श्री मनीष निगम अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव के द्वारा सम्पन्न किया गया। उक्त कार्यक्रम में लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के डिप्टी चीफ लीगल ऐड डिफेन्स काउन्सिल रमेश चन्द्र वर्मा, असिस्टेंट लीगल ऐड डिफेन्स काउन्सिल अंशू सिंह, डिप्टी जेलर मैत्री शर्मा, व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे|

सचिव महोदय द्वारा जिला कारागार उन्नाव में निरूद्ध पुरुष व महिला बन्दियों को उनके विधिक अधिकारों की जानकारी दी गई तथा बंदियों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त किए जाने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों एवं उद्देश्य को बताया। उन्होंने कहा कि जिस किसी भी बंदी को अपने मुकदमें की पैरवी हेतु अधिवक्ता उपलब्ध न हो या वे प्राइवेट अधिवक्ता रखने में असमर्थ हो, उन्हें जिला प्राधिकरण द्वारा नि:शुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए उन्हें अधीक्षक के माध्यम से अपना प्रार्थना-पत्र जिला प्राधिकरण में भेजवाना होगा। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया कि जो भी बंदी नि:शुल्क अधिवक्ता के लिए प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करना चाहते हों, उसे अविलम्ब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव को अग्रसारित करें, जिससे उन्हें नियमानुसार नि:शुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके अतिरिक्त निरूद्ध बन्दियों को उनके क़ानूनी अधिकारों तथा रिमाण्ड के लिए जागरूक किया साथ ही निरुद्ध बंदियों से रहन-सहन, खान-पान एवं स्वास्थ्य सेवा आदि के बारे में पूछ-ताछ किया गया हैं| सचिव महोदय द्वारा जिला कारागार में स्थित जेल चिकित्सालय का निरीक्षण भी किया गया तथाआगामी राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 09.12.2023 के बारे में जानकारी देते हुये बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दीवानी, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, वैवाहिक, समस्त प्रकार के शमनीय आपराधिक मामले, राजस्व वाद व चकबन्दी वाद, श्रम, चेक बाउंस से सम्बन्धित धारा-138 एन.आई.एक्ट. एवं बैंक रिकवरी, बी0एस0एन0एल0, भू राजस्व अधिनियम, विद्युत एवं जल बिलों से सम्बन्धित वाद एवं ऐसे अन्य समस्त वाद जिनका निस्तारण किया जाना संभव हो, निस्तारण किया जायेगा।

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