केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में 11वें द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में 11वें द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह, नौवहन और रसद सम्मेलन को संबोधित किया
सार्वजनिक परिवहन देश के लिए ख़ासा महत्वपूर्ण; सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई उपाय लागू कर रही है: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से महाराष्ट्र में 5-6 लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित किए जाएंगे: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “पारिस्थितिकी और पर्यावरण केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है और उसी लिहाज से विभिन्न परियोजनाओं पर युद्धस्तर पर काम कर रही है।” वे आज मुंबई में 11वें द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह, नौवहन और रसद सम्मेलन में बोल रहे थे।
सार्वजनिक परिवहन प्रणाली देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मंत्री महोदय ने विचार रखा कि देश में कुल वायु प्रदूषण का लगभग 40 प्रतिशत सड़क यातायात के कारण होता है और इसलिए देश में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय लागू कर रही है। उन्होंने जिक्र करते हुए बताया कि मुंबई में शुरू हुई डबल डेकर बस और बेंगलुरु में शुरू की जा रही बस सेवा इन उपायों की बानगी हैं। 260 रोपवे और केबल कारों को दी गई मंजूरी भी इसी कोशिश का हिस्सा है और दिल्ली व उसके आसपास करीब 65 हज़ार करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह काम पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में यातायात की भीड़ को और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
इनके अलावा श्री गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक हाईवे यानी ई हाईवे बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक बसें, इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक स्कूटर अब चालू हो चुके हैं लेकिन इसके साथ ही साथ हम फ्लेक्स इंजन वाले वाहनों का इस्तेमाल भी शुरू कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दोहराया कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। मुंबई में ईंधन के रूप में मेथनॉल का उपयोग करके बसों और ट्रकों को चलाने में कोई समस्या नहीं है, इसका जिक्र करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि इससे लागत में बचत होगी और प्रदूषण में कमी आएगी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार की कोशिशों से अगले पांच साल में प्रदूषण की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जाएगा।
मुंबई गोवा राजमार्ग परियोजना में देरी पर खेद जताते हुए उन्होंने कहा कि इस देरी के लिए ठेकेदारों से जुड़ी दिक्कतों के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण में मुश्किलों जैसी कई वजहें जिम्मेदार थीं। लेकिन इन सभी समस्याओं का समाधान कर लिया गया है और तकरीबन 73 प्रतिशत परियोजना पूरी हो चुकी है। उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि मुंबई गोवा राजमार्ग का काम तय समय के भीतर पूरा हो जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से 36 ग्रीन हाईवे परियोजनाओं का काम शुरू कर दिया गया है और सरकार इन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के तौर पर बाजार मूल्य से ज्यादा भुगतान कर रही है। गडकरी ने इस मौके पर कहा कि, इसलिए इन सड़कों के निर्माण में भूमि अधिग्रहण अब कोई समस्या नहीं है। हम लॉजिस्टिक्स की लागत को 2024 तक 9 प्रतिशत तक कम करने के लिए काम कर रहे हैं जो वर्तमान में 14-16 प्रतिशत है। बेहतर सड़कों और नीची लॉजिस्टिक की लागत से व्यापार और उद्योग को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से महाराष्ट्र में 5-6 लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में जालना और वर्धा में ड्राई पोर्ट बनाने का काम पूरा हो चुका है और अब नासिक व पुणे में इसी तरह के ड्राई पोर्ट बनाने का काम किया जा रहा है.
देश में लॉजिस्टिक्स पार्कों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नए विकसित इन्फ्रास्ट्रक्चर की मदद से हम चीन से अगरबत्ती के आयात को कम करने में सक्षम होंगे और इसके बजाय असम की स्वदेशी रूप से विकसित स्टिक का उपयोग कर सकेंगे।
श्री गडकरी ने राय रखी कि अगर हम मुंबई और गोवा के बीच जल परिवहन शुरू कर सकें तो इस क्षेत्र में परिवहन की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क और रेल परिवहन की तुलना में जल परिवहन बहुत ही किफायती है और अगर हम वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करना शुरू कर दें तो इस परिवहन की लागत और कम हो जाएगी।
सड़क दुर्घटनाओं के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, दुर्घटनाओं और उनसे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सरकार सड़क इंजीनियरिंग पर विचार कर रही है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि सड़क सुरक्षा मानदंडों का पालन करें और उन्होंने संगठनों व गैर सरकारी संगठनों से भी आग्रह किया कि इस कार्य में सरकार का समर्थन करें।