संघ लोक सेवा आयोग द्वारा उन दो उम्‍मीदवारों के बारे में स्पष्टीकरण- जिन्‍होंने झूठा दावा किया गया है कि उन्हें सिविल सेवा परीक्षा में यूपीएससी द्वारा अंतिम रूप से अनुशंसित किया गया है

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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के संज्ञान में आया है कि दो उम्‍मीदवार झूठा दावा कर रहे हैं कि यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा, 2022 में उन्‍हें अंतिम रूप से अनुशंसित किया है। दोनों उम्‍मीदवारों के दावे फर्जी हैं। उन्होंने अपने दावों के समर्थन में अपने पक्ष में फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं।

यूपीएससी की प्रणाली मजबूत होने के साथ-साथ अभेद्य भी है और इस तरह की त्रुटियां संभव नहीं हैं। तत्काल मामलों में फर्जी उम्मीदवारों और निष्‍कर्षों का विवरण निम्नानुसार है :

  1. सुश्री आयशा मकरानी पुत्री श्री सलीमुद्दीन मकरानी जो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा अपनी अंतिम सिफारिश का दावा कर रही हैं। उसने अपने पक्ष में दस्तावेजों में हेरफेर करते हुए पाया गया है। उसका असली रोल नंबर 7805064 है। वह 5 जून, 2022 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित हुई और सामान्य अध्ययन पेपर-1 में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-2 में 21.09 अंक प्राप्त किए। परीक्षा नियमों के अनुरूप उसे पेपर-2 में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। वह न केवल पेपर-2 में अर्हता प्राप्त करने में विफल रही है, बल्कि पेपर-1 के कट-ऑफ अंकों की तुलना में बहुत कम अंक प्राप्त किए हैं, जो वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित श्रेणी के लिए 88.22 थे। इसलिए, सुश्री आयशा मकरानी प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही असफल रही हैं और परीक्षा के अगले चरणों में आगे नहीं बढ़ सकीं। दूसरी ओर, सुश्री आयशा फातिमा, पुत्री श्री नजीरुद्दीन, रोल नंबर 7811744 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं। आयशा फातिमा को संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अंतिम परिणाम में 184वां रैंक प्राप्‍त करने की सिफारिश की गई है।  

(II) इसी प्रकार, श्री तुषार का मामला भी सामने आया है। हरियाणा रेवाड़ी के तुषार पुत्र श्री बृजमोहन ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था। उन्हें इस परीक्षा के लिए रोल नंबर 2208860 आवंटित किया गया था। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर-1 में माइनस 22.89 (अर्थात -22.89) अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-2 में 44.73 अंक प्राप्त किए। परीक्षा नियमों की आवश्यकता के अनुसार, उसे पेपर-2 में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। इस प्रकार, यहां श्री तुषार भी प्रारंभिक परीक्षा में ही असफल रहे हैं और परीक्षा के अगले चरणों में आगे नहीं बढ़ सके। दूसरी ओर, यह पुष्टि की जाती है कि बिहार राज्य के श्री तुषार कुमार पुत्र श्री अश्विनी कुमार सिंह रोल नंबर  1521306 है वास्तविक उम्मीदवार हैं। यूपीएससी ने इनके नाम की सिफारिश 44वें रैंक पर की है। 

ऐसा करके सुश्री आयशा मकरानी और श्री तुषार दोनों ने भारत सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसलिए, परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी मामलों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई दोनों पर विचार कर रहा है।

उपर्युक्त मामलों की सूचना इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया में व्यापक रूप से दी गई है। ऐसे ही एक मीडिया चैनल ने गैर जिम्मेदाराना तरीके से खबर दी है कि यूपीएससी ने उपरोक्त दो मामलों में से एक में अपनी गलती सुधार ली है और मामले की जांच की जा रही है कि ऐसी त्रुटि कैसे हुई। कई अन्य मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया पोर्टलों ने भी बिना किसी सत्यापन के खबर प्रसारित की है। उक्त मीडिया चैनल ने गैर-पेशेवर कार्य किया है। यूपीएससी की प्रणाली कथित प्रकृति की ऐसी किसी भी त्रुटि को खत्म करने के लिए मजबूत और अभेद्य है। मीडिया चैनलों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने प्रिंट/मीडिया चैनलों के माध्यम से ऐसे फर्जी दावों की खबरें प्रसारित/प्रकाशित करने से पहले संघ लोक सेवा आयोग से ऐसे दावों की वास्तविकता की पुष्टि करें।

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