विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ
203 ग्राम पंचायतों में 1232 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए, जिनमें कुल 1,66,000 से अधिक लोगों की उपस्थिति दर्ज
शिविरों में 33,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 21,000 से अधिक कार्ड वितरित किए गए
41,000 से अधिक लोगों की टीबी के लिए जांच की गई और 4,000 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया
एससीडी के लिए 24,000 से अधिक लोगों की जांच की गई और 1100 को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रेफर किया गया
उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए लगभग 1,35,000 लोगों की जांच की गई और 10,000 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रेफर किया गया
पूरे देश में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एक अभूतपूर्व पहल के क्रम में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ किया। तात्कालिक सेवा-सुविधा के लिए, डाक विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों द्वारा विभिन्न शिविर लगाए जा रहे हैं। सरकार की प्रमुख योजनाओं के बारे में नागरिकों को सूचित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए शुरू की गयी इस यात्रा का उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और कल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ सीधे लोगों तक पहुंचाना है।
जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी योजनाओं के संदेश देने वाली विशेष रूप से डिजाइन की गई आईईसी वैन को हरी झंडी दिखाई। विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ऑन-स्पॉट सेवाओं के तहत ग्राम पंचायतों में आईईसी वैन के रुकने वाले स्थानों पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
पहले सप्ताह में, 21 नवंबर 2023 तक, 203 ग्राम पंचायतों में 1232 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं, जिसमें कुल 1,66,000 से अधिक लोग उपस्थित हुए।
स्वास्थ्य शिविरों में निम्नलिखित गतिविधियां चलाई जा रही हैं:
- आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई): विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रमुख योजना के तहत, आयुष्मान ऐप का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं और लाभार्थियों को कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। पहले सप्ताह के अंत तक शिविरों में 33,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 21,000 से अधिक कार्ड वितरित किए गए।
- तपेदिक (टीबी): उपलब्धता के आधार पर लक्षणों, बलगम परीक्षण और एनएएटी मशीनों का उपयोग करके टीबी के रोगियों की जांच की जा रही है। जिन मामलों में टीबी होने का अंदेशा होता है, तो मरीजों को उच्च सुविधाओं के लिए रेफर किया जाता है। पहले सप्ताह के अंत तक, 41,000 से अधिक लोगों की जांच की गई, जिनमें से 4,000 से अधिक को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रेफर किया गया।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमए) के तहत टीबी से पीड़ित मरीजों को निक्षय मित्रों से सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति ली जा रही है। निक्षय मित्र बनने के इच्छुक प्रतिभागियों का ऑन-स्पॉट पंजीकरण भी किया जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक, 2,500 से अधिक रोगियों ने पीएमटीबीएमबीए के तहत सहमति दी और 1400 से अधिक नए निक्षय मित्र पंजीकृत किए गए।
निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस उद्देश्य से लंबित लाभार्थियों के बैंक खाते का विवरण एकत्र किया जा रहा है और खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक ऐसे 966 लाभार्थियों का विवरण एकत्र किया गया।
- सिकल सेल रोग: प्रमुख जनजातीय आबादी वाले क्षेत्रों में, सिकल सेल रोग (एससीडी) का पता लगाने के लिए एससीडी के लिए प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) परीक्षणों के माध्यम से या घुलनशीलता परीक्षण के माध्यम से पात्र आबादी (40 वर्ष तक की आयु) की स्क्रीनिंग की जा रही है। जिन मामलों में परीक्षण से रोग का पता लगा है, ऐसे मामलों को प्रबंधन के लिए उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक, 24,000 से अधिक लोगों की जांच की गई, जिनमें से 1100 लोगों में टीबी के लक्षण पाये गये। उन लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया।
- गैर संचारी रोग (एनसीडी): उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए पात्र आबादी (30 वर्ष और उससे अधिक) की स्क्रीनिंग की जा रही है और रोग का संदेह होने वाले मामलों को उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक, लगभग 1,35,000 लोगों की उच्च रक्तचाप और मधुमेह की जांच की गई। 7000 से अधिक लोगों को उच्च रक्तचाप और 7,000 से अधिक लोगों को मधुमेह के लिए सकारात्मक होने का संदेह था। 10,000 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया।
यात्रा का एक सप्ताह पूरा होने के बाद राज्यों से कुछ सकारात्मक रिपोर्टें इस प्रकार हैं:
झारखंड – वीबीएसपी शिविरों के साथ पीवीटीजी क्षेत्रों में एससीडी स्क्रीनिंग की गई। वीबीएसवाई के दौरान झारखंड के सभी जिलों में पहली बार सिकल सेल स्क्रीनिंग शुरू हुई। डीडी और डीएनएच ने यात्रा वैन के साथ एक अतिरिक्त वैन – श्रमयोगी स्वास्थ्य सेवा मोबाइल वैन भी जोड़ी है। यह वैन यात्रा के सभी मार्गों पर साथ रहेगी।
जम्मू और कश्मीर – भीषण सर्दी और जीपी डावर जैसे दूरदराज के इलाकों में कठिन आवागमन जैसी चुनौतियों के बावजूद, लगभग 35,000 की आबादी तक आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों के साथ बेहतर समन्वय किया जा रहा है।
अरुणाचल प्रदेश – तवांग जिले के समुदाय ने जागरूकता बढ़ाने के लिए नुक्कड़ और नाटक जैसे शैक्षिक नाटक आयोजित करने की पहल की।
कुछ राज्यों ने अपने सामने आने वाली समस्याओं की भी जानकारी दी। महाराष्ट्र में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन में चुनौती आई, लेकिन एएनएम और आशा द्वारा सभी गतिविधियों को अंजाम देते हुए शिविर सफलतापूर्वक आयोजित किए गए। महाराष्ट्र में, यह भी बताया गया कि वैन दूरदराज के इलाकों और बस्तियों तक पहुंचीं और यह सुनिश्चित किया कि ये आवश्यक सेवाएं सभी के लिए सुलभ हों।
इस यात्रा ने आयुष्मान गोल्डन कार्ड योजना को गति देने और प्रचारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के कई ब्लॉकों ने यात्रा अवधि के दौरान सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। गुजरात ने आधार कार्ड और राशन कार्ड के कुशल वितरण के लिए यात्रा मंच का उपयोग किया। त्रिपुरा ने वीबीएसपी के दौरान आय प्रमाण पत्र और विकलांग प्रमाण पत्र प्रभावी ढंग से जारी करने के लिए इस मंच का लाभ उठाया।
अधिकांश राज्यों ने बताया है कि स्वास्थ्य शिविरों ने सिकल सेल, तपेदिक, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रस्त संदिग्ध व्यक्तियों की आसान पहचान और उन्हें रोग निवारण की सुविधा प्रदान की है।