बिहार में खुशियों की बौछार अब विकास शिक्षा और धर्म की नहीं, जाति की फसल लहरा रही है
बिहार में पहले चरण का जाति जनगणना का काम समाप्त हो चुका है ,दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है , लोगों को लगता था कि हर जात के नेता अपनी जाति की संख्या ज्यादा बताते हैं ,अब लोगों में यह खुशियां हो रही है कि सबको सच्चाई का पता चल जाएगा कौन कितनी गहराई में है , अब उत्तर प्रदेश में भी जाति जनगणना की मांग धीरे-धीरे उठ रही है ।