लखनऊ में पुलिस-वकील भिड़ंत, पांच घंटे चला हंगामा, दर्ज हुई क्रॉस एफआईआर

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लखनऊ: होली के दिन विभूतिखंड थाने में पुलिस और वकीलों के बीच मारपीट का मामला तूल पकड़ गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले और अभद्रता का आरोप लगाया, जिसके बाद वकीलों ने थाने में ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा उन्हें बाहर निकाले जाने पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहे पर सड़क जाम कर नारेबाजी करने लगे। पांच घंटे तक चले इस हंगामे के बाद दरोगा समेत 9 पुलिसकर्मियों और 150 वकीलों पर एफआईआर दर्ज की गई।

वकील सौरभ वर्मा ने आरोप लगाया कि शुक्रवार शाम पुलिस ने उनके सहयोगियों शिवम पाल, शुभम यादव और अभिषेक सिंह को बिना कारण थाने में बैठा लिया और उनके साथ मारपीट की। जब वे वजह जानने थाने पहुंचे, तो अतिरिक्त निरीक्षक पंकज कुमार सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने वकीलों के साथ हाथापाई शुरू कर दी।

वकीलों का दावा है कि उनका मोबाइल, पर्स और कीमती सामान गायब हो गया। इतना ही नहीं, लॉकअप में बंद वकीलों पर पेशाब फेंके जाने और छोड़ने के बदले पैसे मांगने के भी आरोप लगाए गए।

जब इसकी सूचना बार एसोसिएशन को मिली, तो बड़ी संख्या में वकील थाने पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पुलिस द्वारा थाने से बाहर किए जाने पर वे इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहे पर पहुंच गए और सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।

दूसरी ओर, दरोगा योगेश सिंह सेंगर ने आरोप लगाया कि वकीलों ने बिना अनुमति के थाने में घुसकर गाली-गलौच और हंगामा किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वकील पुलिस से बहस करते और एसआई प्रमोद की वर्दी पकड़ते नजर आए। पुलिस का कहना है कि वकीलों ने मारपीट कर सरकारी काम में बाधा डाली।

जब पुलिस अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, तो वकील इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहे पहुंच गए और सड़क जाम कर नारेबाजी करने लगे। इससे आम जनता को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर क्रॉस एफआईआर दर्ज कर ली है।

वकील सौरभ वर्मा की तहरीर पर अतिरिक्त निरीक्षक पंकज कुमार सिंह, दरोगा जैदी, इरफान, योगेश सिंह सेंगर, शुभम त्यागी, अनुज कुमार, सुहैल खां, संदीप कुमार मौर्य और सिपाही अमित यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
दरोगा योगेश सिंह सेंगर की तहरीर पर 12 नामजद और 150 वकीलों पर एफआईआर दर्ज हुई, जिनमें शिवम पाल, शिवपूजन यादव, सुलखान यादव, शुभम यादव, अभिषेक सिंह, राहुल पांडेय, सौरभ कुमार वर्मा, अंकित द्विवेदी, अरविंद यादव, आकाश, दिवाकर तिवारी प्रमुख हैं।

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की जा रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

इस घटना के बाद पुलिस और वकीलों के बीच तनाव गहरा गया है। बार एसोसिएशन ने वकीलों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग की है, जबकि पुलिस विभाग अपने अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई से नाराज है।

फिलहाल, पुलिस प्रशासन मामले को शांत कराने और दोषियों की पहचान करने में जुटा है।

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