एसडीएम के आदेश को नहीं मानते भूमाफियाओं

दबंग भू माफिया द्वारा खेत में खड़ी हरी-भरी फसल ट्रैक्टर से जुतवा दिया और वहीं कृषि कार्य कर रही महिलाओं को गंदी गंदी गलियां व अवैध तमंचे दिखा खामोश किया गया
किसान नम आंखों बेबस होकर सब देखता रहा
भूमाफियाओं और खातेदारों के बीच झगड़े पर उपस्थित लोगों के बीच स्वयं भूमाफियाओं ने तहसीलदार को दसियों लाख रुपया रुपए देने की बात को स्वीकार किया जिस पर पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस डीजीपी को दिए गए प्रार्थना पत्र संख्या 40015625025554 पर अवगत कराते हुए लगाई न्याय की गुहार।
भूमाफियाओं द्वारा यह भी कहा गया कि ऐसे नहीं तहसीलदार ने असंक्रमणीय भूमि की दाखिल खारिज कर दी।
यह सत्य है कि ग्राम ऐरा भदियार स्थित खाता संख्या 1397, 1398, 1360 मिल जुबला नंबर जो की भूमि आसंक्रमणीय भूमि से संक्रमण भूमि दर्ज हुई। 2020 में तो इसके पूर्व का बैनामा जो कि आसंक्रमणीय भूमि उसको पूर्व सदर के भ्रष्ट तहसीलदार अविनाश चौधरी द्वारा इतनी बड़ी रकम लेकर राजस्व परिषद के दिए गए निर्देश व नियमों को ताक पर रखकर कूटचरित ढंग से पूर्व स्थगन आदेश को ही दिनांक 24 -1- 2025 को स्थगन कर दिया और भूमि को भूमाफियाओं के हवाले कर दिया। जहां दिनांक 10-5-2025 को भूमाफिया द्वारा उक्त भूमि पर कब्जे को लेकर विवाद खड़ा हो गया। जबकि उक्त विवादित भूमि पर एसडीम सदर महोदय द्वारा पूर्व में आदेश दिया जा चुका है कि पूर्व आदेश स्थगन व भूमि का क्रय विक्रय प्रतिबंधित किया जाता है और यथा स्थिति बनाए रखने को कहा गया था। तो वहीं स्थानीय लेखपाल ने जुती हुई फसल का मोआइना ना कर भूमाफियाओं का पक्ष लेते उल्टा भूमी को नापने की दी धमकी
तब भी यह भूमाफिया निडर हो विवादित भूमि पर कब्जे को लेकर अवैध असलहों सहित पहुंच गए।
उक्त विवाद के ही दौरान उपस्थित ग्रामीणों के आगे इन भूमाफिया द्वारा बड़ी सहजता से बताया गया कि हमने दसियों लाख रुपए तहसील में दिए हैं और आगे भी उक्त भूमि पर चल रहे विवाद को जो हम चाहेंगे जैसा चाहेंगे वैसा ही ऑर्डर करा लेंगे और एसडीएम साहब के वहां भी आर्डर हो जाएगा।
जिस पर उपस्थित ग्रामीणों में इस बात को लेकर बड़ा आक्रोश पैदा होते देखा गया।
और वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी देखी गई। ग्रामीणों द्वारा यह भी कहा गया कि हम लोगों ने ऐसा भ्रष्ट तहसीलदार कभी जीवन में नहीं देखा।
अब देखना यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार की लोकप्रिय पुलिस डीजीपी महोदय द्वारा इस पर क्या कार्रवाई की जाती है।