डिजिटल शासन संचार मजबूत करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया

कार्यशाला में विभिन्न मंत्रालयों के डिजिटल संचार पेशेवरों के साथ ही यूट्यूब और मेटा विशेषज्ञों ने भाग लिया
माईगॉव के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री नंद कुमारम ने नागरिक-केंद्रित शासन आगे बढ़ाने में इसके बढ़ते प्रभाव का उल्लेख किया
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत माईगॉव ने 12 जून 2025 को नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक दिवसीय कार्यशाला “Think Social @ MyGov” का आयोजन किया। कार्यशाला में मंत्रालयों और विभागों में डिजिटल संचार मजबूत करने और यूट्यूब, मेटा और लिंक्डइन जैसे प्लेटफार्म द्वारा नागरिक जुड़ाव बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह पहल समावेशी संचार द्वारा जनभागीदारी के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा माईगॉव के मुख्य कार्यकारी श्री नंद कुमारम तथा माईगॉव के निदेशक श्री शोभेन्द्र बहादुर, और माईगॉव के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम आरंभ हुआ।
श्री नंद कुमारम ने अपने संबोधन में माईगॉव की डिजिटल यात्रा का उल्लेख करते हुए नागरिक-केंद्रित शासन को आगे बढ़ाने में इस मंच के बढ़ते प्रभाव की चर्चा की। उन्होंने युवाओं से जुड़ने और शासन संचार मजबूत करने में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रेखांकित की। उन्होंने प्रमुख अभियानों का उल्लेख किया जिनसे व्यापक स्तर पर सार्वजनिक भागीदारी हुई और पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है। श्री नंद कुमारम ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जनभागीदारी दृष्टिकोण के अनुरूप प्रभावी नीति-निर्माण और समावेशी जुड़ाव के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के आगे और अधिक लाभकारी योजना की भी रूप-रेखा रखी।

श्री शोभेन्द्र बहादुर ने माईगॉव की 11 वर्ष की यात्रा तथा प्रमुख सरकारी अभियानों और नागरिक भागीदारी में इसकी बढ़ती भूमिका का उल्लेख किया।
कार्यशाला में मंत्रालयों और विभागों में डिजिटल संचार बढ़ाने और यूट्यूब और मेटा जैसे प्लेटफार्म द्वारा नागरिक सहभागिता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यशाला में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के डिजिटल संचार पेशेवरों ने भाग लिया। यूट्यूब और मेटा के विषय विशेषज्ञों ने वरिष्ठ माई गॉव अधिकारियों के साथ मिलकर ज्ञान सत्र आयोजित किए। इनमें आवश्यक सामग्री विकसित करने, प्लेटफ़ॉर्म इंटेलिजेंस और दर्शक सहभागिता पद्धतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यशाला में सोशल मीडिया के निम्नलिखित पहलुओं को रेखांकित किया गया:
- दृश्यता, सहभागिता और पहुंच में सुधार लाना
- गूगल ट्रेंड्स जैसे विश्लेषण उपकरणों का इस्तेमाल
- रील्स और स्टोरीज़ जैसे दृश्य सामग्री प्रारूप
- दर्शकों के व्यवहार और लक्षित विषय-वस्तु की समझ
- व्हाट्सएप एपीआई, थ्रेड्स और मेटा एआई पर चर्चा
इसके अलावा, विषय से जुड़े विशेषज्ञों ने सरकार की प्रमुख नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर ज्ञान साझा किए:
- सुश्री गरिमा तिवारी ने माईगॉव की प्रमुख पहल, प्रमुख उपलब्धियों और परिलक्षित परिणामों को जानने पर प्रस्तुति दी।
- श्री आशीष खरे ने विशष्ट सामग्री निर्माण, बहु-प्लेटफॉर्म वितरण ढांचे और सरकार के संदेशों को डिजिटल लोकप्रिय स्वरूप में पहुंचाने पर सत्र को संबोधित किया।
- श्री उपेन्द्र उपाध्याय ने डिजिटल अभियानों में सूचित निर्णय लेने और प्रदर्शन बढ़ाने के लिए डेटा एनालिटिक्स के लाभ उठाने की जानकारी दी।
- श्रीमती रेणु सिंह ने महत्वपूर्ण रूप से लोगों तक संदेश पहुंचाने, अंतर-एजेंसी साझेदारी और उच्च प्रभाव वाले राष्ट्रीय अभियानों के मामले के विस्तृत गहन अध्ययन का उल्लेख किया।
कार्यशाला के दौरान कई अभियानों और महत्वपूर्ण, विशिष्ट मामलों को रेखांकित किया गया:
- परीक्षा पे चर्चा 2025 – इसमें अभूतपूर्व रूप से 3 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों की सहभागिता हुई जिससे सहभागी शासन को मजबूती मिली।
- राष्ट्रीय सृजन पुरस्कार – इसमें डेढ़ लाख नामांकन दर्ज किए गए और 6,000 लोगों की व्यापक सामुदायिक भागीदारी रही।
- चंद्रयान तीन महा प्रश्नोत्तरी – इस राष्ट्रीय ज्ञान अभियान में शीर्ष 100 विजेताओं के लिए श्रीहरिकोटा की अनुभवात्मक यात्रा हुई।
- कैम्पस एम्बेसडर कार्यक्रम – संरचित शैक्षणिक सहभागिता द्वारा युवाओं को शासन में सक्रिय पक्षधर के रूप में सशक्त बनाना।
- जीडीपी पॉडकास्ट और रोअर फॉर नेचर – नीति, जलवायु और स्थिरता विषयों पर युवाओं को जागरुक और प्रेरित करने की महत्वपूर्ण पहल रही।
- कोविड-19 के दौरान माईगॉव व्हाट्सएप सेवाएं – नागरिकों को टीकाकरण प्रमाणपत्रों और सत्यापित अपडेट की निर्बाध पहुंच प्रदान की गई।
- ऑपरेशन सिंदूर – फर्जी और भ्रामक खबरों से निपटने और सत्यापित सरकारी सूचनाओं के वास्तविक समय पर प्रसार को सक्षम बनाने के मामले का अध्ययन।
- माईगॉव स्ट्रीम – नागरिक-केंद्रित, शासन-संबंधी सामग्री तैयार करने हेतु समर्पित ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विषय-वस्तु की निरंतरता, कथ्य आधारित संचार और दर्शकों की प्रासंगिकता पर जोर।
- पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभाव मापन को समुन्नत बनाने के लिए डेटा-संचालित संचार मॉडल अपनाना।
“Think Social @ MyGov” कार्यशाला-शासन को स्मार्ट, डेटा-संचालित संचार को आकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रही। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों, रणनीतिकारों और डिजिटल विशेषज्ञों को साथ लाकर, डिजिटल युग में पारदर्शी, समावेशी और नागरिक-केंद्रित जुड़ाव को बढ़ावा देने की माईगॉव की प्रतिबद्धता मजबूत हुई।