माहौल बना, 370 हटी, खुदाई हुई तो जम्मू कश्मीर में मिला लिथियम का बेशकीमती भंडार

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न केवल अकूत भंडार, अपितु भविष्य में भारत की अर्थव्यवस्था को आसमान पर पहुंचने वाला खजाना।
संभवतः दुनिया में केवल चिली है जहां भारत से ज्यादा लिथियम भंडार मौजूद है।

जम्मू के रियासी जनपद में 59 लाख टन का यह खजाना आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को प्राप्त हुआ, खुदाई निरंतर जारी है।
यह खजाना भारत की चीन, ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना पर निर्भरता को न केवल समाप्त करेगा, अपितु निर्यात के रास्ते भी पूरी तरह खोल देगा।

अनुमान है कि 120 कनाल जमीन पर फैले इस खजाने की कीमत 34 हजार अरब रुपए बैठेगी। लिथियम का उपयोग कार बैटरी, लैपटॉप बैटरी और मोबाइल फोन बैटरी का निर्माण इसी लिथियम से होता है। भारत ही नहीं, पूरे संसार में ये तीनों कितने जरूरी हो गए हैं, खुद ही अनुमान लगा लीजिए। अकेले भारत में 110 करोड़ लोग मोबाइल फोन और लैपटॉप का प्रयोग करते हैं।

देश में करोड़ों वाहन हैं, जिनमें बैटरी लगती है। आने वाले दिनों में पैट्रोल और डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रानिक गाडियां लेने जा रही हैं। यह भी समझ लीजिए कि आने वाले दिनों में भारत को लिथियम की कितनी बेशुमार जरूरत पड़ने वाली है। अब इतना लिथियम अपने घर में मिल गया तो फिर तो बल्ले बल्ले।

कश्मीर की बाबत जो बड़े बड़े फैसले लिए गए वे काफी सुखद साबित हुए। आजादी मिलने के बाद कश्मीर में बारूद की खेती की गई, वहां छिपे खजाने खोजे ही नहीं गए। कश्मीर घाटी, लेह लद्दाख और जम्मू के पहाड़ों में न जाने कितनी बेशुमार दौलत भरी पड़ी है। जेके अब भले ही केंद्र शासित प्रदेश हो, कल पूर्ण राज्य बनने वाला है। देश के अनेक राज्यों में अनेक तरह के खजाने खुदाई में मिलते रहे है। जम्मू कश्मीर में यह काम पहली बार शुरू हुआ है।

निःसंदेह अभी और भी खजाने बाकी हैं। दुनिया में लिथियम पैदा करने वाले छह सात देश ही हैं। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना आदि का लिथियम उत्पादन भारत के 59 लाख टन के मुकाबले बहुत पीछे हैं। जाहिर है लिथियम मिलना पूरे देश के लिए बहुत प्रसन्नता की बात है। धरती माता के गर्भ में मानवजाति के लिए न जाने क्या क्या भरा हुआ है। बस उसका वैज्ञानिक आधार पर दोहन करते रहिए, फिर क्या बात, हम ही होंगे सबसे आगे।

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