सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण के लिए उठाए अनेक कदम
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सभी 28 राज्यों तथा 8 केंद्र शासित प्रदेशों के पंजीयकों तथा 13 राज्यों में क्रियाशील 1,851 कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) को कंप्यूटरीकरण के माध्यम से सशक्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया
देश के सभी PACS के कंप्यूटरीकरण की योजना की तर्ज पर एक राष्ट्रीय एकीकृत सॉफ्टवेयर के माध्यम से 13 राज्यों के कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) की सभी इकाइयों का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा
केन्द्रीय पंजीयक कार्यालय के कंप्यूटरीकरण की तरह ही सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशो के सहकारिता पंजीयक के कार्यालयों का भी कंप्यूटरीकरण होगा
योजना के लिए एक केन्द्रीय प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) का गठन किया जाएगा जो योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्य करेगा , योजना का कुल अनुमानित व्यय 225.09 करोड़ होगा
इस योजना के क्रियान्वयन से लोगों को राज्यों के सहकारिता विभाग तथा ARDBs के कार्यालयों द्वारा मिलने वाली सेवाएं त्वरित रूप से प्राप्त हो सकेंगी, साथ ही इन कार्यालयों के कार्यों में पारदर्शिता और समरूपता आएगी जिससे कार्य कुशलता बढ़ेगी और समय की बचत होगी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत सरकार ने देश की सभी सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण के लिए अनेक कदम उठाए हैं l
इसी क्रम में, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सभी 28 राज्यों तथा 8 केंद्र शासित प्रदेशों के पंजीयकों तथा 13 राज्यों में क्रियाशील 1,851 कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) को कंप्यूटरीकरण के माध्यम से सशक्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
देश की सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के कंप्यूटरीकरण की योजना की तर्ज पर एक राष्ट्रीय एकीकृत सॉफ्टवेयर के माध्यम से 13 राज्यों में कार्यशील 1,851 कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) की सभी इकाइयों के कंप्यूटरीकरण तथा केन्द्रीय पंजीयक कार्यालय के कंप्यूटरीकरण की तरह ही सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी समितियों के पंजीयक कार्यालयों के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र प्रायोजित एक योजना को मंजूरी दी गई है l
इस योजना के लिए एक केन्द्रीय प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) का गठन किया जाएगा जो योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्य करेगा l इस योजना का कुल अनुमानित व्यय 225.09 करोड़ होगा l
इस योजना के क्रियान्वयन से जहाँ एक ओर लोगों को राज्यों के सहकारिता विभाग तथा कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) के कार्यालयों द्वारा मिलने वाली सेवाएं त्वरित रूप से प्राप्त हो सकेंगी, वही दूसरी ओर इन कार्यालयों के कार्यों में पारदर्शिता एवं समरूपता आएगी जिससे कार्य कुशलता बढ़ेगी और समय की बचत होगीl